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इंसानियत हो गई है, शर्मसार दिल्ली में।।

परंपरा
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इज्जत हो रही है, तार-तार दिल्ली में ।
रोज हो रहे हैं, बलात्कार दिल्ली में ।।

खुंद ही कीजिएगा, यहां अपनी हिफाजत।
गहरी नींद में हैं, पहरेदार दिल्ली में ।।

किस तरह आजकल, बढने लगी हैवानियत।
इंसानियत हो गई है, शर्मसार दिल्ली में।।

’एक्शन’ के साबुन से धो, कर लेंगे साफ ।
वर्दी जो हो गई है, दागदार दिल्ली में ।।

चीखने-चिल्लाने का कोई, नहीं होगा असर।
गूंगी-बहरी हो गई है, सरकार दिल्ली में।।

लुटेरों पर चढा हुआ है, रंग सियासत का।
क्या करेगा अब बेचारा, थानेदार दिल्ली में।।

न तो यह गिरेगी, ना होगी टस से मस।
कुर्सी सत्ता की बडी है, जानदार दिल्ली में।।

बढने लगी है रोज, टीआरपी चैनलों की।
जमकर बिक रहे हैं, अखबार दिल्ली में ।।

डा मनोज रस्तोगी
8, जीलाल स्टीट
मुरादाबाद -244001
उत्तर प्रदेश

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