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गरीबी – बेरोजगार – चमचा

परंपरा
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सरकार

गरीबी हटाने को

प्रयोग कर रही है

महंगाई बढ़ा रही है

गरीबोँ को मिटा रही है 0000000000000000000000000000000000

एक छात्र

बीएड मेँ दाखिले को

फार्म भर रहा था

मैँने उससे पूछा

भाई , इतना पढ़ने के बाद क्या बनोगे

उत्तर मिला

बेरोजगार
0000000000000000000000000000000000

पत्नी ने
आज सुबह
फरमाइश कर दी
चमचा टूट गया है
आफिस से लौटते वक्त लेते आना
शाम को मैँ दफ्तर से अपने सहकर्मी को घर ले गया
यह देख पत्नी का माथा ठनका
बोली यह अपने साथ किसे ले आए
मैँ बोला अरी भाग्यवान,तूने ही तो कहा था
शाम को चमचा लेते आना

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